हर साल सावन के महीने में आने वाली हरियाली अमावस्या इस बार बहुत खास बन रही है। इस बार हरियाली अमावस्या 23 जुलाई रविवार को है और इस दिन पुष्य नक्षत्र है। इस नक्षत्र में किए गए उपाय सभी कष्टों तथा संकटों को तुरंत दूर कर देते हैं
पुष्य नक्षत्र रविवार सुबह 9:53 से शुरू होगा, जो सोमवार सुबह 7:42 तक रहेगा। हरियाली अमावस्या पर पुष्य नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने तथा अपने पितरों के तर्पण करने से साधक पर आए समस्त कष्ट सहज ही दूर हो जाते हैं। विद्वान ज्योतिषियों के अनुसार पुष्य नक्षत्र में किया गया तर्पण पितरों को तृप्त कर देता है, जिससे उनका आशीर्वाद तथा पुण्य प्राप्त होता है।
इसके अतिरिक्त रविवार की रात को लक्ष्मीजी का पूजन भी अवश्य करें। इससे दरिद्रता दूर होती है और सभी प्रकार की सुख-संपत्ति आती है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह होने के कारण इस दिन की गई खरीददारी स्थाई होती है। अतः इस दिन भूमि, भवन, स्वर्ण-चांदी के आभूषण आदि क्रय करने चाहिए।
(1) हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव को काले तिल चढ़ा कर उनका जलाभिषेक करें। इससे समस्त कष्ट दूर होते हैं।
(2) भोलेनाथ को चंदन का लेप लगाएं तथा दूध का भोग लगाने से भी समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।
(3) इस दिन रात को लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से समस्त रोगों से मुक्ति मिलती है।
(4) इस दिन शिव शंकर का 1001 बिल्व पत्र चढ़ाते हुए ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करने से राहु, केतु तथा अन्य ग्रहों द्वारा मिल रहा कष्ट शांत होता है।