शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के आंसुओं से रूद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है। रुद्राक्ष को धारण करने से सभी समस्याओं का निवारण किया जा सकता है और बड़े से बड़े दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता है। सही रूद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति सफलता, धन-संपत्ति तथा मान-सम्मान सभी कुछ प्राप्त कर सकता है। लेकिन रूद्राक्ष पहनने के भी कुछ नियम होते हैं। इसलिए हम आपके लिए बना कर लाए हैं खास रूद्राक्ष पेंडेंट।
चांदी का यह पेंडेंट पंचमुखी रूद्राक्ष के साथ नवरत्न जड़ित है। शास्त्रानुसार पंचमुखी रूद्राक्ष को मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ज्योतिष में जिन लोगों को ग्रहों की वजह से या पिछले जन्म के दुष्कर्मों की वजह से कोई भी परेशानी हो रही हो या कोई मनचाही इच्छा पूरी नहीं हो रही है, उन्हें पंचमुखी रूद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही इसमें नवग्रहों का अनुकूल बनाने के लिए नवरत्न भी जड़ित है जो कुंडली में प्रतिकूल चल रहे ग्रहों के बुरे असर को दूर करते हैं और सौभाग्य का द्वार खोलते हैं।
इसके साथ ही चांदी का पेंडेंट स्वयं भी मन तथा मस्तिष्क को शांत रखता है। इस नवरत्न युक्त रूद्राक्ष पेंडेंट को गले में पहनने से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के सभी कार्य अपने आप ही बनते चले जाते हैं।