पीली सरसों एक बहुत ही आम चीज हैं लेकिन तंत्र में इसे विशेष स्थान दिया गया है। प्राचीन तंत्र शास्त्रों में पीली सरसों के कुछ ऐसे प्रयोग बताए गए हैं जो अचूक होते हैं और करते ही तुरंत असर दिखाते हैं।
अगर किसी व्यक्ति पर भूत, प्रेत आदि का साया हैं तो सरसों के कुछ दाने उसके ऊपर से उसार (वार) कर जला दें, सभी नकारात्मक शक्तियों का असर खत्म हो जाएगा।
तीन अलग-अलग छोटे बर्तनों में तिल, साबुत धनिया तथा साबुत नमक मिलाकर अपने व्यापार स्थल पर रख दें। इससे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी और ग्राहकी में साफ असर दिखने लगेगा।
अगर कोई प्रबल शत्रु आपको बहुत परेशान कर रहा है तो पीली सरसों तथा तेल के दीपक में हल्दी डालकर उसके सामने बैठकर “ऊँ बगलायै नमः मंत्र” का जप करें। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से बड़े से बड़ा शत्रु भी आपका पीछा छोड़ देगा और मित्रवत व्यवहार करने लगेगा।
सरकारी उद्योग या विभाग में कोई काम अटक गया है और काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हो रहा है तो पीली सरसों को आक के दूध में मिलाकर हवन करें। जल्दी ही फायदा दिखाई देगा।
अगर किसी कारणवश कोई दवा असर नहीं कर रही हैं और बीमारी बढ़ती ही जा रही है तो यह उपाय बहुत ही कारगर है। सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसके सामने “ऊँ ह्रौं जूं सः” मंत्र की एक माला (108 बार) जप करें। लगातार 40 दिन तक इस प्रयोग को करने से दवाईयां काम करने लगती हैं और बीमार व्यक्ति सही हो जाता है।
घर में क्लेश रोकने के लिए पीली सरसों में गुड़, शहद, गाय का घी, चंदन, गूग्गल, अगर, शिलाजीत, सलई की धूप तथा नागरमोथा मिलाकर हवन करें। घर की सभी बाधाएं शांत होंगी तथा प्रसन्नता का माहौल बन कर घर में सुख-शांति आएगी।