गणेश चतुर्थी पर अपनी राशि अनुसार करें गणपति की पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

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ganesh chaturthi

सनातन धर्म में गणेशजी को प्रथम पूज्य मान कर उनकी पूजा की जाती है। सिर्फ धर्म-कर्म के कार्यों में ही नहीं वरन योग तथा कर्मकांड में भी गणेशजी को ही समस्त साधनाओं का आदि मान कर उनकी स्तुति की जाती है। स्वास्तिक की चार भुजाओं के कोण गणपति के ही प्रतीक हैं। गणेश में ‘गण’ का अर्थ है, ‘वर्ग समूह’ और ‘ईश’ का अर्थ है स्वामी अर्थात् जो समस्त जीव जगत के ‘ईश’ हैं वही गणेश है।

भगवान गणेशजी की पूजा से भक्तों के समस्त कष्ट दूर होते हैं और उनके सभी पापों का नाश होकर इस लोक तथा स्वर्ग लोक में सुख प्राप्ति होती है। आप भी गणपति गणेश चतुर्थी (25 अगस्त 2017) को अपनी राशि अनुसार गणेशजी की पूजा कर किस प्रकार धन-धान्य तथा सुख-समृद्धि युक्त जीवन जी सकते हैं। जानिए विभिन्न राशि वालों को किस प्रकार गणेशजी की पूजा करनी चाहिए।

राशिनुसार श्री गणेश पूजा

(1) मेष और वृश्चिक राशि वालों को मूंगे या अकीक के गणपति का पूजन करना चाहिए।
(2) वृष तथा तुला राशि के जातकों को सफेद आक व स्फटिक से बने गणपति का आराधन करना चाहिए।
(3) मिथुन और कन्या राशि वाले व्यक्ति सभी प्रकार के गणपति का पूजन कर सकते हैं।
(4) कर्क व सिंह राशि वाले व्यक्तियों को पार्थिव गणेश पूजन करना चाहिए।
(5) धनु एवं मीन राशि वाले हरिद्रा गणपति का पूजन करें तो श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है।
(6) मकर और कुंभ राशि वाले जातक धातु से बनी गणपति की प्रतिमा का पूजन करें तो ऐसा पूजन सभी सिद्धियों को देने वाला होता है।

इन उपायों से भी होगा लाभ

(1) गणेश चतुर्थी के दिन उन्हें सिंदूर चढाएं। तत्पश्चात लाल पुष्प, इत्र, पान आदि भेंट कर लड्डुओं का भोग लगाएं। इससे गजानन गणपति निश्चय ही प्रसन्न होते हैं।
(2) जिन व्यक्तियों की जन्मपत्री में बुध ग्रह लग्नाधिपति हो या बुध की महादशा चल रही हो, उन्हें अनिवार्य रूप से गणपति का खासकर बुधवार को अभिषेक व ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
(3) जिन लोगों के अथक प्रयासों के बाद भी काम नहीं बन पा रहे हों उन्हें गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए। इससे समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।

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